ब्लीडिंग अल्सर की शुरुआत धीरे-धीरे होती है जिसे नोटिस नहीं किया जा सकता। स्लो ब्लीडिंग अल्सर का पहला संकेत एनीमिया है। जिसके लक्षण निम्न हैं।
डायजेस्टिव ट्रैक में म्यूकस की एक लेयर होती है जो पेट की लाइनिंग को प्रोटेक्ट करती है। जब बहुत सारा एसिड इक्ठ्ठा हो जाता है और म्यूकस की मात्रा कम हो जाती है तो स्टमक के ऊपरी भाग पर या छोटी आंत पर अल्सर का निमार्ण होता है। जिसका परिणाम एक घाव होता है जिससे ब्लीडिंग हो सकती है। ऐसा क्यों होता है इसका कारण हमेशा निश्चित नहीं रहता है, लेकिन इसके दो सामान्य कारण बताए गए हैं जो निम्न हैं।
स्मोकिंग (smoking)
एल्कोहॉल (alcohol)
स्पाइसी फूड्स (spicy food)
स्ट्रेस (stress)
ब्लीडिंग अल्सर का इलाज निम्न मेडिकेशन से किया जा सकता है। जिसमें डॉक्टर कॉम्बिनेशन मेडिसिन दे सकते हैं। जिसमें निम्न शामिल हो सकती हैं।
एंटीबायोटिक्स
प्रोटोन पंप इंहिबिटर्स
एच 2 ब्लॉकर्स
बिस्मथ सबसालिलेट
इसके लिए बेली में छोटा कट लगाया जाता है। एक स्कूप छोटे कैमरे के साथ कट के जरिए अंदर डाला जाता है। पेट की इमेज स्क्रीन पर भेजी जाती है। इससे अल्सर का पता करने में मदद मिलती है। इसके बाद कट्स के जरिए अल्सर के उपचार के लिए कुछ छोटे टूल्स डाले जाते हैं। अल्सर के आसपास की नर्व, ब्लड वैसल्स और स्टमक के हिस्से का भी उपचार किया जाता है। सर्जरी होने के बाद कट्स को बंद कर दिया जाता है और टूल्स को निकाल लिया जाता है।