[Gastroenteritis] गैस्ट्रोएन्टराइटिस के कारण, लक्षण और उपाय

[Gastroenteritis] गैस्ट्रोएन्टराइटिस के कारण, लक्षण और उपाय

Causes of Gastroenteritis in Hindi

मानव शरीर में पेट को एक महत्वपूर्ण अंग माना जाता है, क्योंकि इस पर ही पूरा स्वास्थ्य निर्भर करता है। अगर पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं करता है तो इसका असर तुरंत ही सेहत पर दिखना शुरू हो जाता है। हालांकि आजकल लोगों को खान-पान की वजह से पेट से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

गैस्ट्रोएन्टराइटिस एक ऐसी समस्या है जो आमतौर पर पेट या पेट से सम्बन्धित अंगो में होती है। यह एक प्रकार की पेट की खराबी होती है जो आपके पाचन तंत्र को काफ़ी प्रभावित करती है। Liver Specialist in Jaipur Dr. Sushil Kumar Jain बताते है की गैस्ट्रोएन्टराइटिस के कई कारण हो सकते हैं, और इसके लक्षण भी विभिन्न हो सकते हैं। 

इस ब्लॉग में, हम गैस्ट्रोएन्टराइटिस के कारण, लक्षण और उसे ठीक करने के उपायों पर चर्चा करेंगे।

गैस्ट्रोएन्टराइटिस क्या है ? (What are Gastroenteritis in Hindi)

गैस्ट्रोएन्टराइटिस विदेशी भाषा ग्रीक के दो शब्दों से बना है , गैस्ट्रोन का अर्थ है पेट और एंटरॉन का अर्थ है छोटी आंत। इसका अर्थ है “पेट और छोटी आंत में सूजन।” गैस्ट्रोएंटेराइटिस को डायरिया रोग के रूप में परिभाषित किया गया है। गैस्ट्रोएंटेराइटिस के परिणामस्वरूप 24 घंटों में तीन बार से अधिक पतला और पानी जैसा मल हो सकता है। इसके चार प्रकार हैं:

एक्यूट गैस्ट्रोएन्टराइटिस – 14 दिनों या 14 दिनों से कम दस्त
परसिस्टेंट गैस्ट्रोएन्टराइटिस – 14 दिनों या 14 दिनों से ज्यादा  दस्त
क्रोनिक गैस्ट्रोएंटेराइटिस – दस्त 30 दिनों से अधिक समय तक बना रहता है
रीकरेंट गैस्ट्रोएन्टराइटिस – सबसे काम अवधि वाला – 7 दिन का दस्त

इस रोग का कारण अक्सर दूषित खाद्य या पानी से होता है, जिसमें बैक्टीरिया, वायरस, कवक और परजीवी शामिल हो सकते हैं। इससे आंतों की परत में सूजन हो सकती है। Gastroenterologist in Jaipur Dr Sushil Kumar Jain जी के अनुसार, स्वस्थ व्यक्ति इस रोग से बिना किसी जटिलता के ठीक हो जाते हैं, लेकिन कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों को इससे काफी नुकसान पहुँच सकता है। इस लेख में इन कारणों का विस्तार में वर्णन किया गया है। 

गैस्ट्रोएन्टराइटिस के कारण और जोखिम के कारक – Causes of Gastroenteritis in Hindi

गैस्ट्रोएन्टराइटिस के कारण की विस्तार से चर्चा करने पर पाया जाता है कि यह विभिन्न कारकों के संयोजन से हो सकता है। इन कारकों में खानपान की गलत आदतें, अल्कोहल और धूम्रपान, स्ट्रेस, अस्वस्थ आहार, और बैक्टीरियल इंफेक्शन आदि शामिल हैं।

खानपान की गलत आदतें: अधिक तली और मसालेदार खाना, तला हुआ खाना, और तेज खाने की आदतें गैस्ट्रोएन्टराइटिस के लिए एक मुख्य कारण हो सकते हैं। इन आदतों से पेट की समस्याएं उत्पन्न होती हैं जो इस रोग का कारण बन सकती हैं।

अल्कोहल और धूम्रपान: अधिक अल्कोहल और धूम्रपान करने से पेट की समस्याएं हो सकती हैं, जो गैस्ट्रोएन्टराइटिस का कारण भी बन सकती हैं। इन दोनों कारकों से पेट के अनियमित फंक्शनिंग और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

अस्वस्थ आहार: कच्चे या कम पके मीठे और मसालेदार खाद्य पदार्थों का सेवन करना भी इस समस्या का कारण बन सकता है। इन आहारिक आदतों के कारण पेट में एसिडिटी और अन्य समस्याएं हो सकती हैं, जो गैस्ट्रोएन्टराइटिस को उत्पन्न कर सकती हैं।

बैक्टीरियल इंफेक्शन: कई बार पेट में बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण भी गैस्ट्रोएन्टराइटिस हो सकता है। इससे आंतों में संक्रमण होता है जो इस बीमारी का कारण बन सकता है।

इस प्रकार, विभिन्न कारकों के संयोजन से गैस्ट्रोएन्टराइटिस हो सकता है और इसके लिए सही जानकारी और संवेदनशीलता महत्वपूर्ण है।

गैस्ट्रोएंटेराइटिस के लक्षण – Symptoms of Gastroenteritis in Hindi

गैस्ट्रोएन्टराइटिस के लक्षणों को विस्तार से समझने के लिए हमें प्रत्येक लक्षण के बारे में विस्तार से विचार करना महत्वपूर्ण है।

पेट में दर्द: गैस्ट्रोएन्टराइटिस का सबसे सामान्य लक्षण पेट में दर्द होता है। यह दर्द अक्सर तेज और तीव्र होता है और इसे पेट के विभिन्न हिस्सों में महसूस किया जा सकता है। यह दर्द आमतौर पर भोजन के बाद अधिक महसूस होता है और बार-बार हो सकता है।

बदहजमी और उल्टी: गैस्ट्रोएन्टराइटिस के रोगी को बदहजमी की समस्या हो सकती है, जिससे उन्हें उल्टी की अनिच्छा हो सकती है। यह लक्षण खासतौर पर भोजन के तुरंत बाद या गैस्ट्रोइंटेस्टिनल संक्रमण के साथ देखा जा सकता है।

अत्यधिक गैस या बुखार:  गैस्ट्रोएन्टराइटिस के रोगियों को अक्सर अत्यधिक गैस का अनुभव होता है, जिससे उन्हें बाहरी संदेश के साथ साथ बुखार भी हो सकता है। यह लक्षण पेट में बचती हुई गैस या आंतों में संक्रमण के कारण हो सकता है।

उन्हापोक और थकान: गैस्ट्रोएन्टराइटिस के रोगी को अक्सर उन्हापोक और थकान का अनुभव हो सकता है। इसका मुख्य कारण पेट की समस्याओं से उत्पन्न ऊर्जा की कमी हो सकती है।

पेट में अनियमितता और खाना पचाने में कठिनाई: गैस्ट्रोएन्टराइटिस के रोगी को पेट में अनियमितता का अनुभव हो सकता है, जिससे उन्हें भोजन को पचाने में कठिनाई हो सकती है। यह लक्षण खासतौर पर खाने के तुरंत बाद या अनियमित खानपान के कारण हो सकता है।

गैस्ट्रोएन्टेरिटिस के जोखिम कारक – Risk Factors for Gastroenteritis

जैसा कि इस लेख में बताया गया है, गैस्ट्रोएंटेराइटिस भोजन, पानी और संक्रमित व्यक्ति से फैल सकता है। इसके अलावा, गैस्ट्रोएंटेराइटिस के लिए जोखिम कारक पर्यावरण या मौसम हो सकता है। अधिक जनसंख्या भी इसका एक प्रमुख कारण माना जा सकता है। इसके अलावा, इसके कुछ अन्य जोखिम कारक निम्नलिखित हैं:

  1. गैस्ट्रोएन्टराइटिस का सबसे ज्यादा खतरा जंक फ़ूड यानी बाहर के खाने से होता हैं ।
  2. खसरा और इम्युनोडेफिशिएंसी से गैस्ट्रोएंटेराइटिस का खतरा बढ़ सकता है।
  3. इस बीमारी के लिए कुपोषण या विटामिन-ए और जिंक एक जोखिम भरा कारक बन सकता है ।

Causes of Gastroenteritis By Dr Sushil Kumar Jain (Gastro Doctor in Jaipur)

Causes of Gastroenteritis

इलाज Treatment of Gastroenteritis (Stomach Flu) in Hindi

गैस्ट्रोएंटेराइटिस के इलाज का तरीका हर व्यक्ति के लिए अलग अलग हो सकता है, क्योंकि इसकी गंभीरता और लक्षणों के आधार पर ही इसका इलाज किया जा सकता है। इस संदर्भ में Gastro Doctor in Jaipur  Dr. Sushil Kumar Jain के अनुसार,निम्नलिखित उपाय अवश्य लाभकारी साबित हो सकते हैं:

  • यदि आप गैस्ट्रोएंटेराइटिस से पीड़ित हैं तो – अधिक तरल पदार्थों का सेवन करें 
  • ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ORS) का सेवन करें, यह अधिकतर मेडिकल स्टोर्स में उपलब्ध होता है।
  • बीमारी की गंभीर स्थिति में, पानी की आपूर्ति के लिए ड्रिप की सलाह दी जाती हैं।
  • बैक्टीरियल संक्रमण में एंटीबायोटिक्स का सेवन करें एवं डॉक्टर से सलाह लें।
  • यदी संक्रमण परजीवी है तो उस संक्रमण की जाँच करवाए और डॉक्टर से सलाह लें।
  • केवल डॉक्टर की सलाह पर ही उल्टी-रोधी और डायरिया-रोधी दवाओं का सेवन करें, अन्यथा यह दवाये संक्रमण का अतिक्रमण बढ़ा सकती है।

संक्षेप : 

अंत में, गैस्ट्रोएंटराइटिस, या पेट की खराबी,Causes of Gastroenteritis, पेट और आंतों के सूजन के द्वारा विशेषित होती है। पेट में दर्द, डायरिया, उल्टी, और पानी की कमी जैसे लक्षणों का कारण बनती है, लेकिन सही देखभाल और उपचार के साथ इसे प्रभावी ढंग से ठीक किया जा सकता है। हाइड्रेशन बनाए रखना, एक निरस आहार का पालन करना, और अल्कोहल और तंबाकू जैसे उत्तेजकों से दूर रहना काफ़ी महत्वपूर्ण है। उपचार के लिए अनुभवी स्वास्थ्य पेशेवर Gastroenterologist in Jaipur   Dr. Sushil Kumar Jain के साथ परामर्श करें। स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना और समय पर चिकित्सा सहायता लेना अपने स्वास्थ्य को सही बनाये रखने के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है।

अक्सर पूछें जाने वाले प्रश्न :

Q. 1 कैसे पता करें कि आपके पेट में फ्लू है?

Ans: पेट के संक्रमण की पहचान उसके लक्षणों द्वारा की जाती है, जैसे कि भूख नहीं लगना, उलटी, दस्त, पेट दर्द, या ऐंठन।

Q.2 क्या गैस्ट्रोएंटेराइटिस एक संक्रामक बीमारी  है?

Ans: जी हाँ, गैस्ट्रोएंटेराइटिस एक संक्रामक बीमारी है और संक्रमित व्यक्ति या सतह के संपर्क में आसानी से फैल सकती है। यह दूषित भोजन, हवा, और पानी के माध्यम से भी फैल सकता है।

Q.3 गैस्ट्रोएंटेराइटिस की सामन्य अवधि क्या है ?

Ans: गैस्ट्रोएंटेराइटिस के लक्षण आमतौर पर 1 या 2 दिनों तक रहते हैं, लेकिन कभी-कभी इसे पूरी तरह से सामान्य होने में 1 से 2 सप्ताह भी लग सकते हैं।

Q.4 गैस्ट्रोएन्टराइटिस की किस स्तिथि में मुझे डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ?

Ans: गैस्ट्रोएंटेराइटिस के लक्षण आमतौर पर 1 से 3 दिनों तक रहते हैं। हालांकि, इसे पूरी तरह से सामान्य होने में भी 1 से 2 हफ्ते भी लग सकते हैं। इस अवधि में यदि आपको निम्न लक्षण दिखाई देते हैं, तो डॉक्टर से संपर्क करें:

– यदि आपको एक दिन से अधिक उल्टी हो रही है।

– यदि 3 दिन से अधिक समय तक दस्त है।

– यदि मल में खून है।

– यदि आपको one zero one डिग्री फ़ारेनहाइट (38.3 डिग्री सेल्सियस) से अधिक बुखार है।