Constipation in Hindi: Constipation: कब्ज (कॉन्स्टिपेशन) क्या है?

Constipation in Hindi: Constipation: कब्ज (कॉन्स्टिपेशन) क्या है?

Constipation in Hindi: कब्ज एक आम समस्या का रूप ले चूका है जिससे हर दूसरा या तीसरा व्यक्ति जूझ रहा है। जब सप्ताह में तीन बार से कम मल त्याग होता है तो इस स्थिति को मेडिकल भाषा में कब्ज कहते हैं। कब्ज किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है, लेकिन अधिकतर मामलों में यह अधेड़ उम्र के लोगों में देखा जाता है। कब्ज होने पर आप नियमित रूप से मल त्याग नहीं कर पाते हैं या पूरी तरह से आपका पेट साफ नहीं हो पाता है। कम मात्रा में पानी पीने से कब्ज की शिकायत होती है। हालांकि, कब्ज के मुख्य कारणों में उम्र बढ़ना, कुछ खास दवाओं का सेवन और शारीरिक गतिविधि कम या नहीं करना (फिजिकल एक्टिविटी) शामिल है। कब्ज की गंभीरता हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग हो सकती है। कुछ लोगों को कब्ज की शिकायत मात्र कुछ दिनों के लिए होती है, लेकिन दूसरों के लिए कब्ज क्रोनिक यानी पुरानी हो सकती है जिसके कारण उन्हें दर्द और दूसरी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

कब्ज क्या है? (What is Constipation in Hindi)

आयुर्वेद के अनुसार, शरीर का संतुलन वात, पित्त, कफ दोषों पर निर्भर करता है। इनमें हुए असंतुलन के कारण शरीर रोगों से घिर जाता है। खान-पान एवं जीवनशैली में लापरवाही के कारण जब जठराग्नि मन्द हो जाती है, तथा आहार सही समय पर ठीक प्रकार से नहीं पचता। इससे शरीर के दोष असंतुलित तथा दूषित होकर रोग उत्पन्न करते हैं। कब्ज में मुख्यतः वात दोष की दुष्टि होती है, जिस कारण मल सूखा एवं कठोर हो जाता है। सही समय पर मलत्याग नहीं हो पाता।

कब्ज के लक्षण (Constipation Symptoms in Hindi)

कब्ज का सबसे बड़ा लक्षण है पेट में गैस होना, पेट फूलना और भूख न लगना। इसके अलावा, कब्ज के दूसरे भी अनेक लक्षण हो सकते हैं जैसे कि:-

  • सांस से बदबू आना
  • लगातार नाक बहना
  • कुछ समय के अंतराल पर सिर में दर्द होना
  • चक्कर आना
  • जी मिचलाना
  • चेहरे पर मुंहासे निकलना
  • पेट में भारीपन महसूस होना
  • पाचन खराब होना
  • आंखों में जलन होना
  • कमजोरी महसूस करना
  • मन अशांत होना
  • पेट में मरोड़ होना
  • शौच के बाद भी पेट साफ नहीं होना
  • जुबान का रंग सफेद या मटमैला होना
  • कमर में दर्द होना
  • मुंह में छाले पड़ना
  • मल का सख्त होना
  • मल त्याग के दौरान जोर लगाना
  • नियमित रूप से मल त्याग नहीं होना
  • कभी-कभी मतली और उल्टी होना
  • पेट में सूजन होना

कब्ज को नजरअंदाज करने पर इसके लक्षण गंभीर रूप ले सकते हैं जिसके कारण आपकी समस्या और बढ़ सकती है। इसलिए symptoms of constipation को अनुभव करते ही आपको तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

और पढ़े:  What Are the Symptoms of Constipation?

कब्ज क्यों होता है (Why Constipation)

  • डाइट में रेशेदार आहार की कमी होना
  • मैदा से बने उत्पादों का सेवन करना
  • तेल में तली हुई चीजों का अत्यधिक सेवन
  • मिर्च और मसालेदार उत्पादों का सेवन करना
  • कम मात्रा में पानी पीना
  • तरल पदार्थों का कम मात्रा में सेवन करना
  • समय पर भोजन नहीं करना
  • रात में देर से भोजन करना
  • देर रात तक जागना
  • अधिक मात्रा में चाय और कॉफी का सेवन करना
  • तंबाकू या सिगरेट का सेवन करना
  • भोजन पचने से पहले दोबारा भोजन करना
  • चिंता होना या तनाव भरा जीवन जीना
  • हार्मोन्स में असंतुलन होना
  • थायरॉइड की परेशानी होना
  • लंबे समय तक दर्द निवारक दवाओं का सेवन करना
  • मल त्याग न करना
  • फाइबर से भरपूर भोजन न करना
  • पेशाब को अधिक समय तक रोक कर रखना
  • नींद पूरी नहीं होना
  • जरूरत से कम मात्रा में भोजन करना
  • शारीरिक परिश्रम नहीं करना
  • शरीर में पानी की कमी होना
  • खाना खाने के तुरंत बाद लेट जाना
  • बगैर भूख लगे भोजन करना
  • बिना चबाए भोजन ग्रहण करना
  • बजहाजमि होना
  • समय पर भोजन नहीं करना
  • अत्यधिक शराब का सेवन करना
  • ज्यादा उपवास रखना
  • शरीर में कैल्शियम और पोटैशियम की कमी होना
  • अधिक मात्रा में मांस का सेवन करना
  • आंत या लिवर की बीमारी से पीड़ित होना

कब्ज के नुकसान — Side Effects of Constipation in Hindi

  • भूख न लगना
  • छाती में जलन होना
  • पेट में भारीपन महसूस करना
  • मतली आना और उल्टी होना
  • आंतों में जख्म और सूजन होना
  • बवासीर, भगंदर और फिशर रोग का खतरा बढ़ना

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कब्ज का निदान (Diagnosis of Constipation in Hindi)

कब्ज का निदान करने के लिए डॉक्टर मरीज का शारीरक परीक्षण करते हैं और मेडिकल हिस्ट्री एवं पहले से मौजूद पाचन समस्याओं से संबंधित कुछ सामान्य प्रश्न पूछ सकते हैं। शारीरिक परीक्षण की मदद से डॉक्टर को कब्ज के कारण का पता चलता है।

शारीरिक परीक्षण के अलावा, डॉक्टर कुछ खास टेस्ट करने का सुझाव दे सकते हैं जैसे कि खून जांच, पेट का एक्स-रे, बेरियम एनिमा, कोलोनिक ट्रांजिट मार्कर स्टडीज, डेफिकोग्राफी, एनोरेक्टल मोटिलिटी स्टडीज और एमआरआई डेफिकोग्राफी आदि।

कब्ज दूर करने के लिए क्या करना चाहिए?

  1. मेथीदाना का सेवन करें. …
  2. रात को सोने से पहले डिनर के दो घंटे बाद एक गिलास दूध पिएं. …
  3. ईसबगोल का सेवन करें. …
  4. रात को भोजन करने के 1 घंटा बाद या सोने से पहले गुनगुने पानी से एक चम्मच त्रिफला चूर्ण का सेवन करें. …
  5. सुबह सवेरे उठने के बाद खाली पेट एक गिलास गुनगुने पानी में काला नमक और नींबू का रस मिलाकर इसका सेवन करें.

कब्ज का इलाज/उपचार (Constipation Treatment in Hindi)

कब्ज का इलाज कई तरह से किया जा सकता है जिसमें जीवनशैली और डाइट में सकारात्मक बदलाव, जुलाब, व्यायाम, दवाएं और सर्जरी शामिल हैं।

कब्ज को दूर करने के लिए डॉक्टर फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करने का सुझाव देते हैं। इसके अलावा, नियमित रूप से व्यायाम करना, समय पर मल त्याग करना, पर्याप्त मात्रा में पानी पीना आदि शामिल हैं।

अगर कब्ज की शिकायत लंबे समय से है तो जीवनशैली और खान-पान में खास बदलाव लाकर इसका उपचार किया जा सकता है।

जब जीवनशैली और खान-पान में बलदाव लाने के बाद भी कोई फायदा नहीं होता है तो डॉक्टर दवाओं के सेवन का सुझाव देते हैं। और जब दवाएं भी बेअसर साबित होती हैं तो डॉक्टर सर्जरी करने का सुझाव देते हैं।

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