jaundice – जॉन्डिस होने का क्या कारण है?

jaundice – जॉन्डिस होने का क्या कारण है?

Jaundice in Hindi: पीलिया एक ऐसी अवस्था को कहते हैं, जब मरीज के त्वचा और आंख का सफेद हिस्सा पीला पड़ने लगता है। खून में बिलिरुबिन की मात्रा बढ़ जाती है। यह अपने आप में कोई बीमारी नहीं है, लेकिन यह एक बीमारी या परिस्थिति का लक्षण है, जिसमें तत्काल सावधानी बरतने की जरूरत है।

पीलिया कई बीमारियों की वजह बन जाता है। मलेरिया, सिकल सेल एनीमिया और थैलेसीमिया जैसे रोग बिलिरुबिन के निर्माण की गति को तेज कर देते हैं, जबकि हेपेटाइटिस, अल्कोहलिक लिवर की बीमारी, ग्रंथियों का बुखार, लिवर का कैंसर, और यहां तक कि अत्यधिक मात्रा में शराब पीने से बिलिरुबिन को प्रोसेस करने की लिवर की क्षमता प्रभावित होती है। इसके अलावा अन्य परिस्थितियां, जैसे कि गॉल स्टोन्स और पैनक्रियाटिटिस, शरीर से बिलिरुबिन को बाहर निकालने की प्रक्रिया में हस्तक्षेप करती हैं।

पीलिया के कारण- Causes of Jaundice in Hindi

अक्सर लोग पूछते हैं कि पीलिया के लक्षण बताएं लेकिन हम आपको बता दें कि पीलिया के लक्षणों के अलावा यह रोग किन कारणों से होता है यह जानना भी बेहद जरूरी है तो चलिए यह भी जान लेते हैं कि पीलिया रोग आखिर किन कारणों से होता है।(causes of jaundice)

  • दूषित भोजन करना
  • अल्कोहल का सेवन करना
  • सड़क किनारे मौजूद गंदा पानी पीना
  • हेपेटाइटिस
  • कुछ दवाइयां जैसे एसिटामिनोफेन, पेनिसिलिन और स्टेरॉइड आदि का सेवन करना।
  • वायरल इन्फेक्शन
  • सिरोसिस
  • गैलब्लैडर की समस्याएँ

पीलिया के लक्षण (symptoms of jaundice in hindi)

अक्सर नवजात बच्चे पीलिया की चपेट में अधिक आते हैं ऐसे में उनकी त्वचा पीली पड़ जाती है और आंखें सफेद होने लगती हैं। धीरे-धीरे बच्चे की भूख में भी कमी आने लगती है इसके अलावा भी पीलिया के और भी कई लक्षण हैं जैसे-

1. त्वचा का पीला पड़ना

जॉन्डिस के लक्षण की बात करें तो इसमें सबसे पहले पीड़ित व्यक्ति की त्वचा और आंखें पीली पड़ने लग जाती हैं, यह पीलिया के सबसे शुरुआती लक्षणों में से एक है। पीलिया में पीड़ित व्यक्ति का बिलिरुबिन का स्तर गिर जाता है जो लीवर के रेड ब्लड सेल्स नष्ट होने से पैदा होते हैं जिसका असर आंखों व त्वचा पर दिखाई देने लगता है। (jaundice yellow skin)

2. पेट में दर्द

(stomach pain in hindi) पेट में दर्द होना भी ज्वाइंडिस के लक्षण हैं। पीलिया रोग से पीड़ित व्यक्ति के पेट में हमेशा दर्द महसूस होता है और यह दर्द अक्सर दाहिने तरफ ज्यादा होता है। अगर आपको हमेशा पेट दर्द की शिकायत रहती है तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें और अपना पीलिया जांच करवाएं।

3. स्टूल प्रभावित होना

जॉन्डिस में स्टूल का रंग भी बदल जाता है। पीलिया से पीड़ित व्यक्ति के बिलिरुबिन की मात्रा का अधिक हिस्सा यूरिन में चला जाता है और जो हिस्सा बच जाता है वो शरीर की कोशिकाओं में मिलने लग जाता है जिससे पीड़ित व्यक्ति के मल के रंग में बदलाव दिखाई देता है। अगर आपको अपने मल के रंग में बदलाव दिखे तो समझ जाएं की आपके भीतर पीलिया लक्षण हैं।

4. यूरिन के रंग में बदलाव (change in urine color)

पीलिया से ग्रसित व्यक्ति के यूरिन में फर्क नजर आने लग जाता है। पीलिया रोग में अक्सर लाल रक्त कोशिकाएं बिलिरुबिन में और फिर बाइल में बदलने लग जाती हैं और यही बदलाव व बिलुरुबिन का असामान्य होने की वजह से यूरिन में बाइल पिगमेंट की मात्रा जरूरत से ज्यादा बढ़ जाती है जिससे यूरिन का रंग गहरा हो जाता है। यूरिन पीले रंग का निकलना पीलिया रोग के लक्षण हैं और यह एक गंभीर स्थिति होती है जिसे भूलकर भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

5. उल्टी आना

अक्सर लोग पूछते हैं कि पीलिया के लक्षण बताइए यानी यह कैसे पहचाना जा सकता है कि पीलिया अब गंभीर स्थिति में है। तो हम आपको बता दें कि उल्टी और मतली आना पीलिया के सबसे गंभीर लक्षण हैं। शुरुआती दिनों में त्वचा और आंखे पीली हो जाती हैं। साथ ही यूरिन का रंग बदल जाता है। लेकिन जब रोगी को उल्टी और मतली की शिकायत हो जाए तो समझ जाएं कि पीलिया अब गंभीर स्थिति में है, इस दौरान अगर रोगी पर ध्यान न दिया जाए तो यह समस्या बहुत बड़ी भी हो सकती है। (vomiting in jaundice)

6. खुजली होना

पीलिया होने के लक्षण में खुजली भी शामिल है। जिन लोगों को कोल्सटॉसिस की वजह से पीलिया होता है उनमें अक्सर खुजली की शिकायतें देखी गई है। शुरुआती दिनों में खुजली हाथ व पैरों में होती है और फिर पूरे शरीर में फैलने लग जाती है।

7. नींद न आना

कई लोगों को पीलिया में नींद न आने की भी शिकायत हो जाती है और वो भावनात्मक रूप से काफी परेशान रहते हैं। पीलिया के लक्षण इन हिंदी की बात करें तो ऊपर बताए गए लक्षणों के अलावा जॉन्डिस के रोगी को नींद न आने की भी शिकायत रहती है अगर यह सारे लक्षण किसी रोगी में हैं तो हो सकता है कि वह लिवर के पीलिया से ग्रसित हो जिसका जल्द से जल्द इलाज बहुत जरूरी है।

पीलिया किन लोगों को हो सकता है? (Who is at Risk of Jaundice in Hindi?)

निम्न उम्र वर्ग के लोगों को पीलिया (Piliya) हो सकता हैः-

  • पीलिया नवजात शिशु से लेकर वृद्धावस्था तक किसी भी वर्ग के व्यक्ति को हो सकता है।
  • नवजात शिशुओं को पीलिया का खतरा अधिक होता है। जब शिशु का जन्म होता है तो शिशु के शरीर के लाल रक्त कोशिकाओं की अधिकता होती है। जब ये अतिरिक्त (RBC) सेल्स टूटने लगते हैं तो नवजात को पीलिया होने की संभावना हो जाती है।
  • शिशु में पीलिया की शुरुआत सिर से होती है, फिर चेहरा पीला पड़ जाता है। इसके बाद सीने और पेट में फैल जाता है। अंत में पैरों में फैलता है। शिशु को अगर पीलिया से 14 दिन से ज्यादा समय तक ग्रस्त रहता है तो उसके परिणाम घातक हो सकते हैं।

पीलिया रोग की जटिलताएं (Complications of jaundice in Hindi)

पीलिया की जटिलताएं इसके कारण और गंभीरता पर निर्भर करती हैं। पीलिया की संभावित जटिलताओं में निम्न शामिल हो सकते हैं:-

  • एनीमिया
  • ब्लीडिंग
  • इंफेक्शन
  • क्रोनिक हेपेटाइटिस
  • हेपेटिक एंसेफैलोपैथी
  • कुछ मामलों में लिवर फेल होना

पीलिया का जांच कैसे किया जाता है (How is jaundice diagnosed in Hindi) 

पीलिया का जांच कई तरह से किया जाता है। पीलिया का निदान करने के लिए डॉक्टर आमतौर पर निम्न जांच करने का सुझाव देते हैं:-

  • बिलीरुबिन टेस्ट
  • कम्प्लीट ब्लड काउंट टेस्ट
  • हेपेटाइटिस ए, बी और सी की जांच
  • एमआरआई स्कैन
  • अल्ट्रासाउंड
  • सिटी स्कैन
  • एंडोस्कोपिक रेट्रोग्रेड कोलैंजियोंपैंक्रिटोग्राफी
  • लिवर बायोप्सी

पीलिया रोग का उपचार (Jaundice treatment in Hindi)

पीलिया का इलाज (jaundice ka ilaj) इसके कारण पर निर्भर करता है। इस बीमारी का इलाज करने के लिए डॉक्टर अनेको उपचार विकल्पों का चयन कर सकते हैं जिसमें दवाओं का सेवन, सर्जरी, जीवनशैली और डाइट में बदलाव आदि शामिल हैं।

पीलिया में क्या खाना चाहिए (Diet for jaundice in Hindi)

पीलिया होने पर आपको अपने खान-पान का ख़ास ध्यान रखना चाहिए। आइये जानते हैं पीलिया में आपका खान-पान कैसा होना चाहिए।

  • फलों का जूस पीएं
  • ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं
  • ताजा और शुद्ध भोजन करें
  • थोड़ा-थोड़ा खान दिन में 4-6 बार खाएं
  • खाना खाने से पहले अच्छी तरह हाथों को धोएं

इन सबके अलावा, आप अपनी डाइट में निम्नलिखित चीजों को शामिल का सकते हैं:-

  • दही
  • मूली
  • प्याज
  • पपीता
  • तुलसी
  • टमाटर
  • छाछ मट्ठा
  • नारियल पानी
  • धनिया का बीज
  • गिलोय और शहद

पीलिया में क्या नहीं खाना चाहिए? (what not to eat in jaundice in Hindi)

पीलिया से पीड़ित होने की स्थिति में आपको कुछ चीजों से परहेज करना चाहिए जिसमें मुख्य रूप से निम्न शामिल हो सकते हैं:-

  • बाहर का खाना न खाएं
  • दाल और बिन्स न खाएं
  • मक्खन से परहेज करें
  • ज्यादा मेहनत करने से बचें
  • एक साथ ढेर (अधिक मात्रा में) खाना न खाएं
  • कॉफी और चाय से परहेज करें
  • ज्यादा तीखा या तैलीय चीजें न खाएं
  • अंडा, मीट, चिकन और मछली का सेवन न करें

पीलिया रोग की रोकथाम एवं बचाव (Prevention of jaundice in Hindi)

कुछ खास सावधानियां बरतकर पीलिया से बचा जा सकता है। डॉक्टर के अनुसार, पीलिया का बचाव करने के लिए लिवर का स्वस्थ होना अतिआवश्यक है, क्योंकि यही पाचक रस का उत्पादन करता है जो भोजन को हजम करने में मदद करता है।

साथ ही, लिवर खून में थक्का बनने और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का काम करता है। निम्न बातों का पालन कर लिवर को स्वस्थ रखा जा सकता है जो पीलिया की रोकथाम में मदद करेगा।

  • डाइट:- संतुलित साइट लिवर को स्वस्थ बनाने में मदद करता है। अपनी डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियों और फलों को शामिल करें।
  • व्यायाम:- रोजाना सुबह या शाम में हल्का-फुल्का व्यायाम आपके लिवर को स्वस्थ बनाने में अहम भूमिका निभाता है। अगर आप निष्क्रिय जीवन जीते हैं तो आपको हल्का-फुल्का व्यायाम शुरू कर देना चाहिए।
  • स्वस्छता:- दैनिक जीवन में साफ़-सफाई का खास ध्यान रखें। साफ पानी पीएं और साफ फलों एवं सब्जियों का सेवन करें।
  • शराब:- शराब का सेवन सबसे अधिक लिवर पर बुरा प्रभाव डालता है। अगर आप शराब का सेवन करते हैं तो आपको पीलिया होने का खतरा है। पीलिया से बचने के लिए आपको शराब का सेवन सीमित या बंद करना चाहिए।

अगर आप ऊपर दिए गए बिंदुओं का पालन करते हैं तो पीलिया का बचाव करना संभव है।

पीलिया में परहेज (Avoid These in Jaundice Disease)

जॉन्डिस के लक्षण दिखने पर सबसे ज़रुरी है कि जीवनशैली और खानपान में बदलाव लाएं. आइये जानते कि

  • बाहर के बने खाने का परहेज करें।
  • एक साथ ढेर सारा खाना ना (home remedies for jaundice) खाएं।
  • ज्यादा मिर्च-मसालेदार तले हुए खाना मैदा आदि का प्रयोग ना करें।
  • दाल और बींस न खाएं। ये लीवर पर ज्यादा बोझ डालते हैं और तकलीफ बढ़ सकती है।
  • ज्यादा मेहनत करने से बचें। ज्यादा मेहनत से तकलीफ बढ़ सकती है।
  • शराब- शराब लिवर के लिए बहुत हानिकारक होता है। इसके सेवन से लिवर पर बुरा असर पड़ता है।
  • नमक- पीलिया में ज्यादा नमक वाली चीजें (अचार) खाने से बचना चाहिए। ज्यादा नमक वाली चीजें खाने में पीलिया को ठीक होने में अधिक समय (home remedies for jaundice) लगता है।
  • कॉफी या चाय- चाय और कॉफी में मौजूद कैफीन पीलिया ठीक होने में बाधक बन सकती है। इसलिए पीलिया में इनका परहेज करना चाहिए।
  • दाल- पीलिया में दाल खाने से परहेज करना चाहिए, क्योंकि दालों से आंतों में सूजन हो सकती है।
  • मक्खन- पीलिया के मरीज को मक्खन खाने से परहेज करना चाहिए। मक्खन में वसा बहुत ज्यादा होता है। इसे खाने से पीलिया के मरीज में तनाव भी बढ़ता है।
  • जंक फूड- पीलिया में जंक फूड खाने से बचना चाहिए। जंक फूड में कई तरह के तेल मसाले डाले जाते हैं, जो कि पीलिया के मरीज के लिए बहुत ही नुकसानदायक होते हैं।
  • मीट, अंडे, चिकन और मछली- पीलिया में कुछ प्रोटीन युक्त आहार (अंडा, मांस आदि) लेने से बचना चाहिए। पीलिया के मरीज के लिए इन सभी चीजों को पचा पाना मुश्किल होता है।

पीलिया होने पर डॉक्टर से कब मिलें (When to see doctor for jaundice in Hindi)

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अगर आप खुद में पीलिया के निम्न लक्षणों को अनुभव करते हैं तो आपको जल्द से जल्द एक विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

  • आंखों में पीलापन आना
  • त्वचा का पीला पड़ना
  • जल्दी थकान महसूस होना
  • पेट में दर्द होना
  • वजन घटना
  • भूख न लगना
  • बुखार आना